जौनपुर शहर की स्थापना 1359 ई. में फिरोज तुगलक ने अपने चचेरे भाई सुल्तान मुहम्मद की याद में की थी। सुल्तान मुहम्मद का वास्तविक नाम जौना खां था। इसी कारण इस शहर का नाम जौनपुर रखा गया।
- 1394 के आसपास मलिक सरवर जिसे तुगलक ने मलिक उस शर्क (पूर्व का स्वामी) का उपाधि प्रदान किया था. इसकों 1398 तैमूर के आक्रमण का लाभ मिला जिससे जौनपुर में शर्की वंश की स्थापना हुई।
जौनपुर के शासक:-
- मलिक सरवर ख्वाजा-वाई जहान (1394–1399)
- मलिक क़ारनफ़ुल मुबारक शाह (1399-1401)
- इब्राहिम शम्स-उद-दीन (1401-1440)
- महमूद शाह (1440-1458)
- मोहम्मद शाह भीकन खान (1458)
- हुसैन शाह (1458-1483)
जौनपुर का शर्की राज्य:-
- इब्राहिम शाह शर्की इस वंश का सबसे महत्वपूर्ण शासक हुआ जिसने प्रभावशाली ढंग से राज्य का विस्तार किया
- इसने शिराज-ए-हिन्द (भारत का शिराज) की उपाधि प्राप्त की। जौनपुर को भारत का शिराज भी कहा जाता है.
- इसके बाद के उत्तराधिकारी कमजोर थे।
- हुसैन शाह शर्की के समय बहलोल लोदी ने जौनपुर पर अधिकार कर लिया।
- पद्मावत के रचनाकार मलिक मुहम्मद जायसी यहां रहते थे।
शर्की शासक कला के प्रेमी थे। उनके काल में यहां अनेक मकबरों, मस्जिदों और मदरसों का निर्माण किया गया। यह शहर मुस्लिम संस्कृति और शिक्षा के केन्द्र के रूप में भी जाना जाता है। शर्की शासकों ने जौनपुर में अटाला और जामा मस्जिद का निर्माण करवाया।
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