- कम्पनी के कार्यों एवं संगठन में सुधार के लिए यह चार्टर पारित किया गया।
- कम्पनी के व्यापारिक अधिकारों को अगले 20 वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया।
- वरिष्ठ अधिकारियों को बिना अनुमति के भारत छोड़ने से मना किया गया था।
- गवर्नर-जनरल, गवर्नर और कमांडर-इन-चीफ की नियुक्ति के लिए शाही मंजूरी अनिवार्य थी।
- East India Company को भारत में व्यापार करने के लिए दोनों व्यक्तियों और कंपनी के कर्मचारियों को लाइसेंस देने का अधिकार दिया गया था।
- शासकों के व्यक्तिगत नियमों के स्थान पर ब्रिटिश भारत में लिखित विधि-विधानों द्वारा प्रशासन की आधारशिला रखी गयी। इन लिखित विधियों एवं नियमों की व्याख्या न्यायालय द्वारा किया जाना निर्धारित की गयी।
- गवर्नर जनरल एवं गवर्नरों की परिषदों की सदस्यता की योग्यता के लिए सदस्य को कम-से-कम 12 वर्षों तक भारत में रहने का अनुभव को आवश्यक कर दिया गया।
- नियंत्रक मंडल के सदस्यों का वेतन अब भारतीय कोष से दिया जाना तय हुआ।
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