मध्यपाषाण काल (Mesolithic) इसका समय 10000ई०पू० से 4000ई०पू० तक मानी जाती है।
मध्यपाषाण युग की कुछ प्रमुख बातें:-
- जलवायु गर्म व शुष्क हो गयी थी। जलवायु परिवर्तन के साथ पेड़-पौधे व जीव-जंतुओं में भी परिवर्तन हुए।
- इस युग में कृषि की शुरुआत हुयी.
- मध्य पाषाण काल के मानव शिकार करके तथा खाने की वस्तुएं एकत्र करके अपना पेट भरते थे और आगे चल कर वे पशुपालन भी करने लगे।
- अब न केवल बड़े बल्कि छोटे जानवरों का भी शिकार होने लगा था।
- महदहा से स्त्री पुरुष के एक साथ दफनाने के साक्ष्य प्राप्त हुए।
मध्यपाषाण काल के औजार :
- मध्यपाषाण युग में पत्थरों के बहुत छोटे औजारों का उपयोग में होने लगा, इन औजारों में लकडियो या हड्डियों के मुट्ठे लगे औजार भी मिलते हैं।
- छोटे औजार के प्रयोग द्वारा इस काल से "प्रक्षेपास्त्र तकनीक" विकसित हुई।
- आग का आविष्कार हो चुका था क्योंकि सराय नाहर राय से पशुओं की अधजली हड्डियां मिली हैं
- आदमगढ़(म.प्र) और राजस्थान से प्राचीनतम साक्ष्य पशुपालन के मिले हैं।
- चित्रकला के साक्ष्य भीमबेटका,आदमगढ़,प्रतापगढ़ मिर्जापुर से प्राप्त हुए।
मध्य पाषाण काल के महत्त्वपूर्ण स्थल :
1. बागोर - राजस्थान
2. लंघनाज - गुजरात
3. सराय नाहर राय, चोपनी माण्डो, महगड़ा व दमदमा - उत्तर प्रदेश
4. भीमबेटका, आदमगढ़ - मध्य प्रदेश
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