1853 का चार्टर अधिनियम (Charter Act of 1853)

  • 1853 का राजपत्र ब्रिटिश के भारतीय शासन इतिहास में अंतिम चार्टर एक्ट था। यह अधिनियम मुख्यतः भारतीयों की ओर से कम्पनी के शासन की समाप्ति की मांग तथा तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी की रिपोर्ट पर आधारित था।

  • कम्पनी के कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए प्रतियोगी परीक्षा की व्यवस्था की गयी।

  • विधायी कार्यों को प्रशासनिक कार्यों से पृथक करने की व्यवस्था की गयी।

  • गवर्नर जनरल को अपनी परिषद के उपाध्यक्ष की नियुक्ति का अधिकार दिया गया।

  • ब्रिटिश संसद को किसी भी समय कम्पनी के भारतीय शासन को समाप्त करने का अधिकार प्रदान किया गया।

  • इस एक्ट में सर्वप्रथम सम्पूर्ण भारत के लिए विधान मंडल की स्थापना की गई

  • भारतीय विधि आयोग की रिपोर्ट पर विचार करने के लिए इंग्लैंड में विधि आयोग के गठन का प्रावधान किया गया

  • बंगाल के लिए अलग गवर्नर की नियुक्ति की व्यवस्था की गयी।

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