महाजनपद, प्राचीन भारत में राज्य या प्रशासनिक इकाईयों को कहते थे। उत्तर वैदिक काल में कुछ जनपदों का उल्लेख मिलता है। बौद्ध ग्रंथों में इनका कई बार उल्लेख हुआ है। ये सभी महाजनपद आज के उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान से बिहार तक और हिन्दुकुश से गोदावरी नदी तक में फैला हुआ था।
महाजनपद | राजधानी | आधुनिक स्थान |
अवन्ति | उज्जैनी/महिष्मती | मालवा |
अश्मक या अस्सक | पोतन | नर्मदा और गोदावरी नदियों के बीच |
अंग | चंपा | मुंगेर और भागलपुर जिले |
कम्बोज | राजपुरा | पामीर का पठार |
काशी | वाराणसी | वाराणसी व आसपास का क्षेत् |
कुरु | हस्तिनापुर | हरियाणा तथा दिल्ली |
कोशल | श्रावस्ती | फैजाबाद जिला, गोंडा और बहराइच के क्षेत्र |
गांधार | तक्षशिला | पाकिस्तान का पश्चिमी तथा अफ़ग़ानिस्तान का पूर्वी क्षेत्र |
चेदि | सोथीवती | बुंदेलखंड |
वज्जि या वृजि | वैशाली | दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर व मुजफ्फरपुर |
वत्स या वंश | कौशांबी | प्रयाग |
पांचाल | अहिच्छत्र/कांपिल्य | पश्चिमी उत्तर प्रदेश |
मगध | राजगृह | पटना तथा गया जिले |
मत्स्य या मच्छ | विराट नगर | अलवर, भरतपुर तथा जयपुर जिले |
मल्ल | कुशीनारा | गोरखपुर के आसपास |
सुरसेन या शूरसेन | मथुरा | मथुरा |
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