निहारिका क्या है
निहारिका अंतरतारकीय माध्यम (इन्टरस्टॅलर स्पेस) में स्थित ऐसे अंतरतारकीय बादल (Interstellar cloud) को कहते हैं जिसमें धूल, हाइड्रोजन गैस, हीलियम गैस और अन्य प्लाज़्मा गैसे उपस्थित हों। पुराने जमाने में "निहारिका" खगोल में दिखने वाली किसी भी विस्तृत वस्तु को कहते थे। आकाशगंगा (हमारी गैलेक्सी) से परे कि किसी भी गैलेक्सी को नीहारिका ही कहा जाता था। बाद में जब एडविन हबल के अनुसन्धान से यह ज्ञात हुआ कि यह गैलेक्सियाँ हैं, तो नाम बदल दिए गए। उदाहरण के लिए एंड्रोमेडा गैलेक्सी (देवयानी मन्दाकिनी) को पहले एण्ड्रोमेडा नॅब्युला के नाम से जाना जाता था। निहारिका आकाशगंगा की अविकसित अवस्था होती है और आकाशगंगा वो इसकी विकसित अवस्था होती है इसी से आकाशगंगा का निर्माण होता है।नीहारिकाओं के प्रकार:
नीहारिकाओं को चार प्रमुख समूहों में वर्गीकृत किया गया है। पहले गैलेक्सीओं और गोल तारागुच्छों (Globular cluster) को भिन्न प्रकार की नीहारिकायें समझा जाता था। गैलेक्सीओं की सर्पाकार संरचना की व्याख्या के लिए सर्पाकार नीहारिका का उपयोग किया जाता था।
- विसरित नीहारिका
- ग्रहों की नीहारिका
- सुपरनोवा (अभिनव तारे का) अवशेष
- अंधेरी या गहरी नीहारिका
इस वर्गीकरण में बादल जैसी सभी ज्ञात संरचनायें शामिल नहीं हैं। जिसका एक उदहारण हर्बिग-हारो ऑब्जेक्ट है।
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